Sat. Jul 27th, 2024

मोदी सरनेम मामले में पूर्णेश मोदी ने सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा दाखिल किया है. उन्‍होंने 21 पेज के अपने हलफनामे में कोर्ट से राहुल गांधी को राहत न देने की मांग की है. पूर्णेश मोदी ने हलफनामे में कहा है कि ‘राहुल गांधी के भाषण की वीडियोग्राफी की गई थी और सभी सबूत अदालत में पेश किए गए थे. सुप्रीम कोर्ट को निचली अदालत द्वारा पारित आदेश को नहीं बदलना चाहिए. सेशन कोर्ट द्वारा राहुल गांधी की दोषसिद्धि को निलंबित करने से इनकार करने का आदेश भी कानून के अनुसार है. हाईकोर्ट का फैसला भी न्याय के ठोस सिद्धांतों पर आधारित है.

सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 4 अगस्त को सुनवाई करेगा. 

हलफनामे में कहा गया है राहुल गांधी ने इस मामले मे माफी मांगने से इनकार कर दिया था. यही नहीं राहुल गांधी का ‘आपराधिक इतिहास’ है, उनके खिलाफ कई मामले लंबित हैं.’ पूर्णेश मोदी के हलफनामे में कहा गया है कि राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट राहत ना दे

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल पूर्णेश मोदी के हलफनामे में कहा गया है

कि राहुल ने दुर्भावनापूर्ण और लापरवाही से एक बड़े वर्ग के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. हलफनामे के मुताबिक यह बयान देश के एक निर्वाचित प्रधानमंत्री के प्रति व्यक्तिगत नफरत से दिया गया था, और नफरत की सीमा इतनी अधिक थी कि याचिकाकर्ता को उनके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने पर मजबूर होना पड़ा क्योंकि मेरा उपनाम संयोग से प्रधानमंत्री जैसा ही था.

गौरतलब है कि गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की 2 साल की सजा को बरकरार रखा और सेशन कोर्ट के आदेश खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है. राहुल गांधी को झटका देते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि उसे ट्रायल कोर्ट के फैसले में दखल देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह बिल्कुल उचित है.

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