12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में हुए दिल दहला देने वाले एयर इंडिया विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लंदन के लिए उड़ान भरने वाला बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI-171) टेक-ऑफ के कुछ ही पलों बाद मेघानीनगर के रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयावह हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 241 की मौत हो गई, लेकिन 40 वर्षीय भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से जीवित बच गए। उनकी कहानी ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया, जहां लोग उन्हें “भगवान का बच्चा” कहकर पुकार रहे हैं। इस लेख में हम इस हादसे, विश्वास की कहानी, सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाओं और एविएशन इंडस्ट्री पर इसके प्रभाव की विस्तार से चर्चा करेंगे।

हादसे का भयावह मंजर
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई थी। लेकिन मात्र दो मिनट बाद, 1:40 बजे, विमान एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल से टकराया और मेघानीनगर में बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर की एक इमारत से जा भिड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तेज धमाके की आवाज के बाद आसमान में काले धुएं का गुबार छा गया। विमान में 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य सवार थे, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे, जिनकी इस हादसे में मृत्यु हो गई।
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हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किए गए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू घटनास्थल पर पहुंचे। भारतीय सेना, एनडीआरएफ, और दमकल विभाग की टीमें मलबा हटाने और आग पर काबू पाने में जुट गईं।
विश्वास कुमार रमेश: चमत्कारिक बचाव की कहानी
इस त्रासदी के बीच एकमात्र उम्मीद की किरण बने विश्वास कुमार रमेश, जो सीट नंबर 11A पर बैठे थे। हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए विश्वास ने बताया, “सब कुछ बहुत जल्दी हुआ। जब मैं उठा तो चारों ओर लाशें थीं। मैं डर गया था। मैं खड़ा हुआ और भागा। विमान के टुकड़े चारों ओर बिखरे थे।” एक वायरल वीडियो में उन्हें खून से लथपथ, लंगड़ाते हुए एम्बुलेंस की ओर बढ़ते देखा गया। अस्पताल में उनके चेहरे, सीने और पैरों पर चोटें नजर आईं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, विश्वास ने बताया कि टेक-ऑफ के 30 सेकंड बाद एक जोरदार धमाका हुआ, और विमान आग की लपटों में घिर गया। कुछ सूत्रों का दावा है कि वे आपातकालीन निकास द्वार या टूटी हुई खिड़की से कूदने में कामयाब रहे, जिसने उनकी जान बचाई। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि विमान का कौन सा हिस्सा क्रैश के बाद सुरक्षित रहा, जिसने उनके बचाव को संभव बनाया
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
विश्वास की कहानी ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। लोग इसे चमत्कार मान रहे हैं और उनकी हिम्मत व किस्मत की तारीफ कर रहे हैं। कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं इस प्रकार हैं
@IAbhay_Pratap: “ये चमत्कार है, ये किस्मत है। जाको राखे राम जी, मार सके न कोय। अहमदाबाद प्लेन क्रैश में विश्वास कुमार रमेश जिंदा बच गए। जैसे ही प्लेन टकराया, खिड़की और साथ का हिस्सा टूट गया और #VishwasKumarRamesh एयर इंडिया के प्लेन से कूद गए।”
@saintkishore: “जाको राखे साईंयाँ, मार सके न कोई। अहमदाबाद विमान हादसे में जहाँ सभी यात्रियों की मौत हो गई, वहीं चमत्कारिक रूप से सीट नंबर 11A पर बैठे विश्वास कुमार रमेश की जान बच गई।”
एक यूजर ने भावुक होकर लिखा, “अब इस आदमी को सर्वाइवर्स गिल्ट से गुजरना होगा, जो बहुत कठिन होता है। मैं जानता हूं क्योंकि मैं भी ऐसी ही एक कार में जाने वाला था जिसमें मेरे तीन दोस्तों की मौत हो गई थी।”
मजाकिया अंदाज में एक यूजर ने कहा, “अब सीट 11A सबसे महंगी और सबसे बुक होने वाली सीट होगी।”
हालांकि, कुछ नकारात्मक प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं। एक यूजर (@The__Destroyerd) ने विश्वास पर हादसे का कारण होने का आरोप लगाया, जिसे अन्य लोगों ने खारिज करते हुए इसे घटिया सोच बताया।
इस हादसे ने भारत और वैश्विक एविएशन इंडस्ट्री में विमानन सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान होने वाले हादसे सबसे खतरनाक होते हैं। इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के आंकड़ों के मुताबिक, 65% टेक-ऑफ हादसे मानवीय भूल, 20% तकनीकी खराबी, और 10% मौसम के कारण होते हैं।

एयर इंडिया के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने भी भारत के एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) को जांच में पूर्ण सहयोग का वादा किया।

इस हादसे ने एक बार फिर भारत में विमानन सुरक्षा मानकों, पायलट प्रशिक्षण, और तकनीकी जांच की आवश्यकता को रेखांकित किया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने निष्पक्ष और गहन जांच का आश्वासन दिया है।
अहमदाबाद विमान हादसा भारत के इतिहास में सबसे भयावह हादसों में से एक के रूप में दर्ज हो गया है। विश्वास कुमार रमेश का चमत्कारिक बचाव इस त्रासदी में एकमात्र सकारात्मक पहलू है, जो लोगों के लिए आशा और विश्वास की प्रेरणा बन गया है। लेकिन इसके साथ ही, यह हादसा एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी भी है कि सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की जरूरत है।
सोशल मीडिया पर विश्वास की कहानी ने लोगों को एकजुट किया है, लेकिन यह भी याद रखना जरूरी है कि इस हादसे ने सैकड़ों परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है। हमारी संवेदनाएं सभी प्रभावित परिवारों के साथ हैं।
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