आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी पार्टियों की बैठक में हिस्सा में बैठे थे पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (Political Affairs Committee) की बैठक में यह फैसला लिया गया AAP सांसद राघव चड्ढा ने बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हिस्सा लेगी.
राघव चड्डा ने बैठक के बाद कहा कि आम आदमी पार्टी की पीएसी की बैठक में हर पहलू पर चर्चा करेंगे दिल्ली का समर्थन करने वाला हर शख्स राष्ट्रविरोधी है. हर वो शख्स जो देश के लोकतंत्र से प्यार करता है, वह इस काले अध्यादेश के खिलाफ अपना वोट देगा. उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने इसे लेकर हर विपक्षी पार्टी से संपर्क किया. सबने इस मुद्दे पर हमारे समर्थन की घोषणा की है.
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए दिल्ली के अध्यादेश के खिलाफ अपना स्टैंड क्लियर किया है और विरोध दर्ज करने की घोषणा की है. हम कांग्रेस पार्टी की इस घोषणा का स्वागत करते हैं. मैं कहना चाहूंगा कि 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में हिस्सा लेगी.
विपक्षी पार्टियों ने बुलंद की आवाज : चड्ढा
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस से लेकर आरजेडी, जेडीयू, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने इस राष्ट्र विरोधी अध्यादेश के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की और संसद के अंदर इस को हराने के लिए अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि हर वो शख्स जो देश के लोकतंत्र से प्यार करता है, वह इस काले अध्यादेश के खिलाफ अपना वोट देगा.
कांग्रेस ने विरोध का किया था फैसला
इससे पहले, कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने रविवार को कहा कि पार्टी का रुख साफ है कि वह राज्यपालों के जरिए विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में हस्तक्षेप करने के केंद्र के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करेगी और उसने संसद में दिल्ली अध्यादेश पर विधेयक आने पर इसका विरोध करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘‘हमने कल फैसला लिया था. हम देश की संघीय व्यवस्था को नष्ट करने तथा राज्यपालों के जरिए राज्यों के मामलों में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रयास का समर्थन नहीं करने जा रहे हैं. हम दिल्ली अध्यादेश का समर्थन नहीं करेंगे.”