महाराष्ट्र में रायगढ़ (Landslide in Raigad) जिले के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन से 13 लोगों की मौत हो गई। खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन की घटना घटने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्थिति का जायजा लिया। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में हुआ। यह घटना इलाके में लगातार मूसलाधार बारिश के चलते हुई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्थिति का जायजा लेने के लिए गुरुवार सुबह घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य में लगे कर्मियों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रुपये मुआवजे राशि की घोषणा की है। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्र में बचाव एवं राहत अभियान चलाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। शिंदे ने पत्रकारों से कहा कि यह गांव भूस्खलन संभावित गांवों की सूची में नहीं था। अब हमारी प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाना है। शिंदे ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और राज्य सरकार प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है। लगातार भारी बारिश हो रही है और मलबे का 20 फुट ऊंचा ढेर लग गया है। उन्होंने कहा कि अधिकारी बचाव अभियान के लिए मशीनरी ले जाने में सक्षम नहीं हैं। सीएम ने बताया कि अभियान के लिए दो हेलीकॉप्टर तैयार रखे गए हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण वे उड़ान नहीं भर पाए हैं। भूस्खलन प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए (अस्थायी आश्रयों के रूप में) 50 से 60 कंटेनर की व्यवस्था की गई है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने की योजना है। शिंदे ने कहा कि हम जल्द ही भूस्खलन प्रभावित ग्रामीणों के उचित पुनर्वास के लिए कदम उठाएंगे। मैंने संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर से बात की है। इन ग्रामीणों के स्थायी पुनर्वास के बारे में तुरंत चर्चा की है। हम इसे युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। 48 परिवार गांव में रह रहे थे इससे पहले दिन में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक बयान में कहा कि वहां 48 परिवार रह रहे थे। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि NDRF की चार टीम स्थानीय अधिकारियों के साथ बचाव कार्य में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि दमकल दल और कुछ स्थानीय ट्रैकर्स भी बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि गांव में लगभग 50 घर हैं, जिनमें से 17 भूस्खलन में दब गए थे। अधिकारियों के अनुसार, पड़ोसी ठाणे से भी बचाव दल भी मौके पर भेजे गए हैं। यह गांव मोरबे बांध से छह किमी दूर है, जो नवी मुंबई को पानी की आपूर्ति करता है। यह माथेरान और पनवेल के बीच स्थित इरशालगढ़ किले के पास स्थित है और यह किला प्रबलगढ़ का एक सहयोगी किला है। इरशालवाड़ी एक आदिवासी गांव है जहां पक्की सड़क नहीं है। मुंबई-पुणे हाईवे पर चौक गांव निकटतम शहर है। 30 जुलाई 2014 को पुणे जिले की अंबेगांव तहसील के मालिन गांव में हुए भूस्खलन के बाद यह महाराष्ट्र में सबसे बड़ा भूस्खलन है। भूस्खलन की उस घटना में लगभग 50 परिवारों वाले पूरे आदिवासी गांव में तबाही मच गई थी और मरने वालों की अंतिम संख्या 153 बताई गई थी।